एक मर्तबा इमाम हुसैन (अ.स.) ने कुरआन की तिलावत करनेवाले और उस के सुनने वाले का बेहद सवाब बयान फ़रमाया, तो एक शख्स जो कबीले असद से ताल्लुक़ रखता था उसने पूछा के हुज़ूर ! यह सवाब तो उसका है जो पढ़ा लिखा हो और जो अनपढ़ हो वोह क्या करे?
आप (अ.स.) ने फ़रमाया: ए असदी खोदा जवाद और करीम है. जैसा पढना आता है वैसा ही पढ़े. उसको भी वैसा ही सवाब मिलेगा.
इमाम रेज़ा (अ.स.) से रवायत है:
हर इंसान को ताकीबाते नमाज़े सुबह के बाद 50 आयात तिलावत करनी चाहिए...
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Subhanallah
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