Tuesday 19 April, 2022

कुरआन शफाअत करने वाला है

 


जो कुरआन से हम मजलिस हुआ वो ज़्यादती या कमी लेकर उठा 

यानी हिदायत में ज़्यादती और गुमराही में कमी 

और यकीन जानिये कि कुरआन हासिल कर लेने के बाद कोई फ़क़्र नही और कुरआन हासिल कर लेने से पहले कोई दौलतमंदी नही। 

इस से अपनी बीमारियों की शिफा हासिल करो और  मसायेब दूर करने के लिये उससे मदद तलब करो. 

यक़ीनन  ये सख्त बीमारियां यानि कुफर, मुनाफ़िक़त, और गुमराही का वाहिद इलाज है। 

अल्लाह से उसी के ज़रिये दुआ मांगो  और उसी की मोहब्बत लेकर बढ़ो 

और उसके ज़रिये उसकी मखलूक़ से न मांगो, क्योंकि बंदों की (खालिक की तरफ) तवज्जोह के लिये उस जैसा और कोई ज़रिया नही. 

यकीन रख्खो ये वो शफाअत करने वाला है जिसकी शफाअत क़बूल होगी  

और ये वो बोलने वाला है जिसकी बात तसदीक़ शुदा है. रोज़े महशर जिसकी कुरआन ने शिफाअत कर दी उसकी शिफाअत क़बूल हुई।

(इमाम अली (अ.स.) के खुतबे का एक हिस्सा)

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