Wednesday 6 April, 2022

क़ुरआन का इल्म


 क़ुरआन का इल्म एक ऐसा इल्म है जिस में दुनिया और आख़िरत की ख़ैर और बरकत के राज़ छुपे हैं। 

लिहाज़ा तमाम ओलूम के मुक़ाबले में क़ुरआन का इल्म हासिल करना ज़्यादा एहम और ज़रूरी है. 

इस इल्म का तर्क करना दीन और दुनिया की बरकत  से महरूमी का सबब है 

जो सिर्फ़ सख्त दिली  ही का नतीजा है. 


हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ .स.) अपने एक ख़ुत्बे में फ़रमाते फरमाते हैं:

यक़ीनन यह वह ख़ैर ख़्वाह है जो कभी धोका नहीं करता. 

ऐसा हादी है जो कभी राह गुम  नहीं करता और 

ऐसा बयान करने वाला है जो झूट नहीं कहता. 

2 comments:

Syed mahboob Hallauri said...

Yaqinan ek behtareen amr anjam de rahe hain...inshallah apka ye iqdam Qur'an se nazdeeki ka samar hoga

Unknown said...

ماشاءاللہ بہت خوب