तफसीरे अली इब्ने इब्राहीम में इब्ने आमिर ने अपने बाज़ असहाब से रिवायत की,
"उसने कहा के हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर (अ.स.) के सामने एक शख्स ने छींक मारी और उसने छींक के बाद "अल्हम्दोलिल्लाह" कहा,
लेकिन हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर (अ.स.) ने उसे "रहेमकल्लाह" न कहा और आप ने फ़रमाया के इस शख्स ने हमारे हक में कमी की है, जब भी तुम में से किसी को भी छींक आये तो उसे
"अल्हम्दोलिल्लाहे रब्बिल आलमीन व सल्लल्लाहो अला मोहम्मदिन व अह्लैबैतेही "
कहना चाहिए . यह सुन कर उस शख्स ने आप के बताये हुए कलम कहे तो उसके जवाब में आपने उसे दुआए खैर दी .
(नूरुस सक़लैन . जिल्द 2, सफहा 43)
No comments:
Post a Comment